चाईबासा, 7 सितंबर। पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र स्थित पंचलताबुरू जंगल में रविवार सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में ज़ोनल कमांडर अमित हांसदा उर्फ अपटन मारा गया। अपटन झारखंड का सबसे कुख्यात और वांछित नक्सलियों में से एक था, जिस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
कैसे मारा गया अपटन?
एसपी राकेश रंजन को सूचना मिली थी कि पंचलताबुरू जंगल में नक्सलियों का जमावड़ा है और वे किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहे हैं। इसके बाद सुरक्षाबलों की विशेष टीम बनाई गई, जिसका नेतृत्व अभियान एसपी पारस राणा और कोबरा-209 बटालियन के सहायक कमांडर दीपक कुमार ने किया।
रविवार सुबह करीब 5:45 बजे सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च अभियान शुरू किया। तभी नक्सलियों ने जवानों पर गोलीबारी कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने भी फायरिंग की। यह मुठभेड़ लगभग आधे घंटे तक चली। दबाव बढ़ने पर अन्य नक्सली जंगल की ओर भाग निकले, लेकिन अपटन मारा गया।
घटनास्थल से बरामदगी
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अपटन का शव
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एक SLR राइफल और बड़ी संख्या में कारतूस
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दैनिक उपयोग की सामग्री
कौन था अपटन?
बोकारो जिले के ढोडी गांव का रहने वाला अमित हांसदा उर्फ अपटन पिछले कई वर्षों से नक्सल गतिविधियों में सक्रिय था। उसके खिलाफ 96 आपराधिक मामले दर्ज थे।
इन बड़ी घटनाओं में शामिल था अपटन
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2014 चाईबासा जेल ब्रेक की घटना का आरोपी।
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सरायकेला (कुकडू) में 5 पुलिसकर्मियों की हत्या और हथियार लूट का मास्टरमाइंड।
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चाईबासा के गोइलकेरा में पूर्व मंत्री गुरुचरण नायक पर हमले और अंगरक्षकों की हत्या में शामिल।
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पश्चिमी सिंहभूम और आसपास के इलाकों में 12 से अधिक पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या और दर्जनों नक्सली वारदातों में शामिल।
सुरक्षाबलों की इस सफलता को नक्सल उन्मूलन अभियान के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
