श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर):
22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने जम्मू-कश्मीर की पर्यटन उद्योग को गहरा आर्थिक झटका दिया है। इस हमले के बाद 2024 की तुलना में 2025 में राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या में 72% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे पर्यटन उद्योग को लगभग ₹35,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष नुकसान हुआ है।
इस हमले के बाद ट्रैवल इंडस्ट्री से जुड़े लगभग 90,000 लोगों की नौकरियां चली गई हैं। होटलों, हाउसबोट, टैक्सी सेवाओं, टट्टू वालों, गाइड्स और हस्तशिल्प विक्रेताओं का रोजगार ठप्प हो गया है।
📉 पर्यटन पर हमला, अर्थव्यवस्था धराशायी
हमले के कुछ ही दिनों के भीतर घाटी में जून तक की 20 लाख से अधिक बुकिंग रद्द हो गईं।
जम्मू-कश्मीर होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के मुताबिक, होटलों को एडवांस बुकिंग की रकम वापस करनी पड़ी, जिससे नकदी संकट और बढ़ा।
🚫 92% परिवारों ने रद्द की कश्मीर यात्रा
ट्रैवल एजेंसियों के मुताबिक, 2025 की पहली छमाही में कश्मीर में टूरिस्ट ट्रैफिक में 2024 की तुलना में 72% की गिरावट दर्ज हुई।
शुरुआत अच्छी हुई थी – 22 अप्रैल तक 5.25 लाख पर्यटक पहुंचे थे, लेकिन उसके बाद घाटी के प्रतिष्ठित पर्यटन स्थल जैसे डल झील, गुलमर्ग, सोनमर्ग, पहलगाम और ट्रेकिंग ट्रेल्स पूरी तरह खाली हो गए।
🏨 होटल बंद, हाउसबोट खाली, बेरोजगारी चरम पर
कश्मीर पर्यटन संघ के सचिव और हाउसबोट यूनियन अध्यक्ष मंज़ूर पख्तून के मुताबिक, “हमले के बाद सब कुछ खत्म हो गया। 90% कर्मचारियों को नौकरी से निकालना पड़ा। होटल, हाउसबोट, टैक्सी, टट्टू सब बंद हैं।”
बैंकों से लोन लेकर शुरू किए गए व्यवसाय अब घाटे में जा रहे हैं। EMI भरना मुश्किल हो गया है।
💔 हस्तशिल्प उद्योग को भी भारी नुकसान
कश्मीरी शॉल, कालीन, पेपर-माची, अखरोट और केसर जैसे उत्पादों की बिक्री में भारी गिरावट आई है।
लगभग 4 लाख से अधिक कारीगरों का रोजगार खतरे में है।
साल 2025 में हस्तशिल्प उद्योग को अनुमानतः ₹8,000 से ₹12,000 करोड़ का नुकसान हुआ है।
🗣️ फारूक अब्दुल्ला का बयान
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “हमले के बाद पर्यटकों में डर बैठ गया है। उमर अब्दुल्ला देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर कश्मीर के हालात सुधारने और पर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।”
