वॉशिंगटन डीसी — अमेरिका की खुफिया एजेंसी FBI के निदेशक काश पटेल को लेकर बाइडेन प्रशासन और व्हाइट हाउस के बीच तनाव के संकेत मिल रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, व्हाइट हाउस को अब काश पटेल की लीडरशिप पर भरोसा नहीं रह गया है और उनके इस्तीफे की अटकलें तेज़ हो गई हैं। यह घटनाक्रम उस वक्त सामने आया है जब एजेंसी एक संवेदनशील मामले—एपस्टीन फाइल्स—को सार्वजनिक करने के दबाव में है।
कौन हैं काश पटेल?
भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक काश पटेल ने ट्रंप प्रशासन में कई प्रमुख भूमिकाएं निभाई थीं। वे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में वरिष्ठ सलाहकार रहे हैं और डोनाल्ड ट्रंप के बेहद करीबी माने जाते हैं। वर्तमान में वे FBI के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं और अपनी स्पष्टवक्ता व कड़े फैसलों के लिए जाने जाते हैं।
एपस्टीन विवाद ने बढ़ाई मुश्किलें
एफबीआई द्वारा विवादित एपस्टीन फाइल्स को सार्वजनिक न करने का निर्णय पटेल के नेतृत्व में ही लिया गया था। इन फाइल्स में कथित तौर पर कई हाई-प्रोफाइल नाम शामिल हैं, जिससे अमेरिका की राजनीतिक और कारोबारी दुनिया में उथल-पुथल मच सकती है। इस फैसले को लेकर न सिर्फ मीडिया बल्कि अमेरिकी जनता के बीच भी भारी असंतोष है।
सूत्रों के मुताबिक, व्हाइट हाउस ने इस मुद्दे पर पटेल से स्पष्टीकरण मांगा है और अब उनके इस्तीफे की संभावनाएं बन रही हैं। साथ ही, उनके डिप्टी डैन बोंगिनो भी इस्तीफे पर विचार कर रहे हैं, जिससे यह संकट और गहरा हो सकता है।
व्हाइट हाउस का रवैया और राजनीतिक दबाव
व्हाइट हाउस के अधिकारियों का कहना है कि पटेल की कार्यशैली “संदिग्ध” रही है और उनका झुकाव ट्रंप के एजेंडे की ओर ज़्यादा है। ऐसे में मौजूदा डेमोक्रेटिक प्रशासन के लिए उनकी मौजूदगी एक “राजनीतिक जोखिम” बनती जा रही है। हालांकि अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है, लेकिन बाइडेन प्रशासन के भीतर एक बड़ा वर्ग पटेल को हटाने के पक्ष में माना जा रहा है।
क्या होगा अगला कदम?
काश पटेल ने अब तक इन अटकलों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन वॉशिंगटन में चल रही हलचलों से साफ है कि अगले कुछ दिनों में बड़ा फैसला सामने आ सकता है। अगर पटेल इस्तीफा देते हैं या उन्हें हटाया जाता है, तो यह अमेरिका की इंटेलिजेंस कम्युनिटी के लिए एक बड़ा झटका होगा और इसका असर वैश्विक सुरक्षा रणनीति पर भी पड़ सकता है।
