रांची: झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बने उग्रवादी संगठन जेजेएमपी का झारखंड जगुआर और गुमला पुलिस ने अंत कर दिया है. पिछले छह माह में जेजेएमपी सुप्रीमो सहित छह नक्सलियों के मारे जाने और लातेहार में एक साथ नौ के आत्मसमपर्ण के बाद जेजेएमपी का अस्तित्व ही खत्म हो चला है. दो आईजी की प्लानिंग ने कर दिया काम तमाम नक्सलियों के खिलाफ झारखंड पुलिस की अपनी स्पेशल फोर्स झारखंड जगुआर ने जिला पुलिस के साथ मिलकर जेजेएमपी उग्रवादी संगठन का खत्मा कर दिया है.
बुधवार को आईजी झारखंड जगुआर अनूप बिरथरे और आईजी अभियान डॉक्टर माइकल राज की मजबूत प्लानिंग की वजह से गुमला में एक साथ तीन जेजेएमपी उग्रवादी एनकाउंटर में मारे गए. आईजी अभियान माइकल राज ने बताया कि गुमला एसपी को सूचना मिली थी कि जेजेएमपी के आधा दर्जन से ज्यादा उग्रवादी गुमला जिले के सीमा के पास जमा है, जिसके बाद आईजी झारखंड जगुआर अनूप बिरथरे के साथ एक मजबूत प्लानिंग की गई.
आनन- फानन में झारखंड जगुआर की तीन टीम गुमला के लिए कूच कर गई. गुमला पुलिस के साथ जगुआर की टीम ने गुमला जिले के बिशनपुर थाना क्षेत्र के केचकी के रोगरीटोली गांव को घेर लिया. इसी बीच उग्रवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में जगुआर और गुमला पुलिस ने भी फायरिंग शुरू कर दी. बुधवार की सुबह करीब आठ बजे शुरू हुए एनकाउंटर में जेजेएमपी के तीन उग्रवादी मारे गए.
जबकि कुख्यात उग्रवादी ब्रजेश बाल-बाल बच गया और फरार होने में कामयाब रहा. आईजी अभियान ने बताया कि मुठभेड़ के बाद तीन उग्रवादियों के शव मिले हैं. मौके से एक AK 47 राइफल और दो इंसास राइफल भी बरामद किया गया है. मुठभेड़ में मारे गए ये नक्सली लालू लोहरा – लोहरदगा का रहने वाला लालू लोहरा सब जोनल कमांडर था. इसके पास से एके 47 बरामद हुआ है. छोटू उरांव – छोटू लातेहार का रहने वाला है.
वह भी सब जोनल कमांडर था. सुजीत उरांव – सुजीत कैडर था, जो लोहरदगा का रहने वाला था.
खत्म हो गया जेजेएमपी का आतंक
बुधवार को एक साथ जेजेएमपी के तीन उग्रवादियों के मारे जाने के बाद एक तरह से झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) नक्सली संगठन का चैप्टर पूरी तरह से क्लोज हो गया है. इससे पहले एक सितंबर को संगठन के 9 नक्सलियों ने एक साथ आत्मसमर्पण कर दिया था.
पिछले दो महीने में झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ और जिला पुलिस की टीम ने जेजेएमपी नक्सली संगठन को शिखर से शून्य पर ला खड़ा किया है. नक्सली संगठन सुप्रीमो पप्पू लोहरा के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद जेजेएमपी संगठन का पतन शुरू हुआ, जो 1 सितंबर 2025 को संगठन के 9 कमांडरों के आत्मसमर्पण के बाद लगभग पूरी तरह से समाप्त हो चला था. बची टीम को अब गुमला में मार गिराया गया है.
24 मई को मारा गया सुप्रीमो
जेजेएमपी संगठन का पतन 24 मई 2025 से शुरू हुआ. इस दिन संगठन के सुप्रीमो पप्पू लोहरा पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. वह 10 लाख का इनामी था. इसके साथ ही 5 लाख का इनामी का एक अन्य नक्सली भी इसी मुठभेड़ में मारा गया था. यहीं से जेजेएमपी नक्सली संगठन का पतन शुरू हुआ.
सुप्रीमो के मारे जाने के कुछ दिनों बाद ही पुलिस ने गुमला जिले में जेजेएमपी के तीन उग्रवादियों को भी मार गिराया. सुप्रीमो के मारे जाने के बाद आत्मसमपर्ण की होड़ मची सुप्रीमो पप्पू लोहरा के मारे जाने के बाद सबसे पहले तीन उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया. उसके बाद संगठन के दूसरे सबसे बड़े कमांडर लवलेश ने भी पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
लवलेश पर 10 लाख रुपये का इनाम था. इसके बाद कई अन्य नक्सलियों ने भी आत्मसमर्पण किया. पिछले दो महीने के अंतराल में जेजेएमपी के 16 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. इनमें 6 इनामी नक्सली हैं.
हथियार डाले नहीं तो मारे जाएंगे
बुधवार को झारखंड पुलिस मुख्यालय में आईजी अभियान डॉक्टर माइकल राज ने बताया कि जेजेएमपी का सफाई पूरी तरह से हो गया है. दो-चार लोग ही संगठन में बचे हुए हैं. उनके लिए आत्मसमर्पण ही अंतिम विकल्प है. अगर वह आत्मसमर्पण नहीं करते हैं तो एनकाउंटर में उनका मारा जाना तय है.
