अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को वेस्ट बैंक पर कब्जा करने की मंशा को लेकर साफ चेतावनी दी है। ट्रंप ने स्पष्ट कहा कि वह किसी भी कीमत पर इजरायल को वेस्ट बैंक हड़पने नहीं देंगे। यह बयान उस वक्त आया है, जब नेतन्याहू शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना भाषण देने जा रहे हैं।
ओवल ऑफिस में गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर के दौरान कहा:
“मैं इजरायल को वेस्ट बैंक पर कब्जा करने की इजाजत नहीं दूंगा। ऐसा हरगिज़ नहीं होगा।”
ट्रंप का यह रुख अमेरिका की अब तक की इजरायल-समर्थक नीति से हटकर दिखता है। माना जा रहा है कि यह रुख मुस्लिम देशों के दबाव, और फिलिस्तीन को राष्ट्र मान्यता देने को लेकर बढ़ती वैश्विक सहमति के चलते लिया गया है।
📌 संयुक्त राष्ट्र से पहले झटका
इजरायली अधिकारी लगातार यह संकेत दे रहे थे कि उनकी सरकार वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों को औपचारिक रूप से अपने नियंत्रण में लेने की योजना बना रही है। हालांकि ट्रंप के सख्त रुख ने नेतन्याहू की रणनीति को झटका दे दिया है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में जहां नेतन्याहू अपनी नीतियों को लेकर समर्थन जुटाने की कोशिश करेंगे, वहीं ट्रंप का यह बयान उनकी स्थिति को कमजोर कर सकता है।
🤝 अमेरिकी सहयोगियों का बदला रुख
ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका के अन्य सहयोगी देशों ने भी संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने का समर्थन किया है। इस अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम के चलते अमेरिका पर मुस्लिम देशों का दबाव बढ़ गया है कि वह इजरायल को गाजा पर सैन्य कार्रवाई और वेस्ट बैंक पर कब्जे की योजनाओं से रोके।
📢 ट्रंप की नई नीति के संकेत
ट्रंप का बयान केवल एक चेतावनी नहीं बल्कि अमेरिका की नई मध्य पूर्व नीति की ओर भी इशारा करता है, जहां वह इजरायल की हर कार्रवाई का बिना शर्त समर्थन नहीं करेगा।
इस बयान का वैश्विक कूटनीति पर गहरा असर पड़ सकता है और आने वाले दिनों में अमेरिका-इजरायल संबंधों में खटास भी देखी जा सकती है।
