Ranchi: लद्दाख के जाने-माने पर्यावरणविद् और शिक्षाविद् सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक आवाज़ों को दबाने की कोशिश बताया।
मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा:
“उम्मीद की एक और किरण सलाखों के पीछे… जल, जंगल, जमीन, भाषा, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित एक और मजबूत आवाज को गुमनाम करने की साजिश पर पूरा देश नजर रखे हुए है।”
वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद देशभर में विरोध की लहर उठी है। कई सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र संगठन और राजनीतिक दल इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बता रहे हैं।
🚨 क्यों हुई सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी?
जानकारी के मुताबिक, लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसा के बाद वांगचुक को हिरासत में लिया गया। गृह मंत्रालय का आरोप है कि उन्होंने अपने भाषणों में अरब स्प्रिंग और नेपाल के जन आंदोलनों का हवाला देकर भीड़ को उकसाया था।
इसके बाद उन्हें राजस्थान के जोधपुर केंद्रीय कारागार में नजरबंद कर दिया गया है।
वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद क्षेत्रीय दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ये कार्रवाई स्वतंत्र अभिव्यक्ति और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है।
