चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम में मनोहरपुर प्रखंड के सारंडा जंगल में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी विस्फोट की चपेट में आने से एक जंगली हाथी बुरी तरह घायल हो गया. ये विस्फोट इतना जबरदस्त था कि हाथी के आगे के दाहिने पैर की उंगलियां उड़ गईं और घाव से मांस के लोथड़े लटक रहे हैं. घटना के बाद इलाके में वन विभाग और पुलिस दोनों सतर्क हो गए हैं.
चार घंटे की मशक्कत के बाद शुरू हुआ इलाज
इस घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम और पशु चिकित्सक मौके पर पहुंचे. घने जंगल और खराब रास्तों के कारण हाथी तक पहुंचने में उन्हें करीब चार घंटे लग गए. डॉक्टरों ने मौके पर ही हाथी का प्राथमिक इलाज शुरू किया. केले में दवा मिलाकर उसे खिलाया गया, जिसे हाथी ने ग्रहण कर लिया. वन विभाग की टीम लगातार उसकी हालत पर नजर रखे हुए है.
‘आईईडी ब्लास्ट से इनकार नहीं किया जा सकता’
पशु चिकित्सक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि हाथी को एंटीबायोटिक, दर्द निवारक और सूजन कम करने की दवाएं दी गई हैं. उन्होंने कहा कि चोट काफी गहरी है और यह किसी भारी धमाके का नतीजा लगती है. डॉक्टर कुमार ने बताया कि टीम हाथी को ऐसी सुरक्षित जगह ले जाने का प्रयास कर रही है, जहां उसका बेहतर और निरंतर इलाज हो सके.
हाथी की हालत नाजुक, विभाग निगरानी में जुटा
घायल हाथी लगभग 10 से 12 वर्ष की मादा है. गंभीर चोट के कारण वह चलने-फिरने में असमर्थ है. वन विभाग के कर्मी लगातार उसकी निगरानी में लगे हुए हैं और हरसंभव कोशिश कर रहे हैं कि वह जल्द स्वस्थ हो सके. इस घटना से वन्यजीव प्रेमियों में गहरी चिंता है. क्योंकि यह इलाका पहले से ही नक्सली गतिविधियों और विस्फोटों के कारण हाथियों के लिए खतरनाक बन चुका है.
