नवी मुंबई। हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में भारतीय महिला क्रिकेट टीम आईसीसी वनडे विश्व कप खिताब से सिर्फ एक कदम दूर है। रविवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाले फाइनल मुकाबले को लेकर देशभर के प्रशंसकों में जबरदस्त उत्साह है। हालांकि, डीवाई पाटिल स्टेडियम में टिकटों की भारी मांग के कारण कई प्रशंसक निराश लौट रहे हैं।
सेमीफाइनल में सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा कर पांच विकेट से हराने के बाद टीम इंडिया अब खिताब की प्रबल दावेदार बन गई है। इस शानदार प्रदर्शन के बाद फाइनल मैच के लिए डीवाई पाटिल स्टेडियम के बाहर टिकटों के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
लीग चरण के लिए टिकटों की कीमत 100 रुपये और फाइनल के लिए 150 रुपये रखी गई थी, लेकिन शनिवार दोपहर तक सभी टिकट पूरी तरह बिक चुके थे। लगभग 45,000 दर्शकों की क्षमता वाले इस स्टेडियम में पहले ही लीग और सेमीफाइनल मुकाबलों के दौरान दर्शकों की रिकॉर्ड संख्या देखी जा चुकी है।
कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा, “हमारे जान-पहचान के लोग भी टिकट मांग रहे हैं, लेकिन यह खुशी की बात है कि महिला क्रिकेट के लिए इतना उत्साह देखने को मिल रहा है। ऐसे दिन बहुत कम आते हैं जब टीम से टिकट के लिए दबाव बनता है।” उन्होंने प्रशंसकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि पूरे टूर्नामेंट में भारतीय समर्थकों ने टीम का साथ दिया, खासकर मुंबई में जो हमेशा से क्रिकेट का बड़ा केंद्र रहा है।
हालांकि, कई प्रशंसक टिकट न मिलने से परेशान नजर आए। ठाणे के पंडियन परिमल ने बताया कि वह सुबह 9 बजे से स्टेडियम के बाहर खड़े हैं, लेकिन टिकट नहीं मिल पा रहा है — न ऑनलाइन और न ऑफलाइन। वहीं, एक अन्य प्रशंसक शिफ्तैन इफ्तार ने कहा कि उन्हें शुक्रवार को बताया गया था कि शनिवार दोपहर से टिकट मिलेंगे, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं की गई।
महिला प्रशंसक भी टिकट पाने के लिए घंटों इंतजार करती रहीं। मुंबई की किशोरी धौलपुरिया ने टिकटों की कालाबाजारी (black marketing) का आरोप लगाया और कहा कि तीन दिनों से प्रयास करने के बावजूद कोई जानकारी नहीं मिल रही है। कुछ प्रशंसकों ने बताया कि गेट खुलने की सूचना के बावजूद स्टेडियम का रास्ता बंद कर दिया गया।
स्टेडियम प्रबंधन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि “सभी टिकट बिक चुके हैं।” वहीं, नौवीं की छात्रा लावण्या और युवा खिलाड़ी पूर्वा ने कहा कि वे भारतीय टीम को ट्रॉफी जीतते देखने का सपना लेकर आई थीं, लेकिन टिकट न मिलने से निराश हैं।
हरमनप्रीत की कप्तानी में टीम इंडिया के पास इतिहास रचने का सुनहरा मौका है — और फैंस का ये जुनून बताता है कि महिला क्रिकेट अब देश के दिल में अपनी खास जगह बना चुका है।
