रांची, 19 नवंबर 2025 : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने मंगलवार को राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स (RIMS Ranchi) का औचक निरीक्षण कर सभी को चौंका दिया। मंत्री महोदय खुद डॉक्टर बन गए और OPD में बैठकर मरीजों की जांच की, दवाइयां लिखीं और उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने दावा किया कि वे शायद देश के पहले स्वास्थ्य मंत्री हैं जो खुद OPD में बैठकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
मंत्री ने कहा, “यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए है। मरीजों का विश्वास जीतना हमारी प्राथमिकता है। मैंने फैसला लिया है कि झारखंड के सभी सदर अस्पतालों में क्रमवार खुद OPD में बैठूंगा। इससे डॉक्टरों का मनोबल बढ़ेगा और मरीजों से सीधा संवाद होगा।” उन्होंने घोषणा की कि बहुत जल्द नया OPD रोस्टर जारी किया जाएगा और डॉक्टरों की उपस्थिति, समय-पालन व सेवा भाव की सख्त मॉनिटरिंग होगी।
प्राइवेट प्रैक्टिस करने वालों को दो टूक चेतावनी
स्वास्थ्य मंत्री ने साफ शब्दों में कहा – “रिम्स में नौकरी करने वाले डॉक्टर अगर प्राइवेट प्रैक्टिस करेंगे तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे डॉक्टरों को खुद रिम्स छोड़ देना चाहिए। उनकी जगह बेहतर और समर्पित डॉक्टर लाए जाएंगे।” उन्होंने बताया कि रिम्स में मैनपावर की भारी कमी है, इसका आकलन पूरा हो चुका है और जल्द ही सभी रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
एक्सपायरी दवाओं पर सख्ती, 208 नई हाईटेक एम्बुलेंस जल्द
निरीक्षण के दौरान एक्सपायर दवाइयां फेंकी हुई मिलीं, जिस पर मंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि 6 महीने में एक्सपायर होने वाली दवाओं का स्टॉक रखने वालों पर कार्रवाई होगी। कई आउटसोर्सिंग कंपनियों को पहले ही ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है। नई और विश्वसनीय कंपनियों का चयन जल्द पूरा होगा।
एम्बुलेंस की खराब स्थिति पर मंत्री ने माना कि एक-एक एम्बुलेंस 8-8 लाख किमी तक चल चुकी है। उन्होंने खुशखबरी दी कि बहुत जल्द 208 नई हाईटेक एम्बुलेंस की खरीदारी पूरी हो जाएगी, जिससे मरीजों को तुरंत बेहतर सुविधा मिलेगी।
मरीजों की शिकायतें सुनीं, तुरंत कार्रवाई के आदेश
मरीजों ने मंत्री से व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, दवाओं की कमी, CT स्कैन-एमआरआई मशीन खराब होने की शिकायत की। मंत्री ने रिम्स निदेशक को तुरंत सभी डायग्नोस्टिक सेवाएं दुरुस्त करने, दवाओं की कमी दूर करने और खराब मशीनें ठीक करने के सख्त निर्देश दिए।
रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार ने बताया कि मैनपावर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। फिलहाल 125 से ज्यादा वेंटिलेटर कार्यरत हैं और 75 नए वेंटिलेटर की खरीदारी हो रही है। डॉक्टरों की OPD में अनुपस्थिति की पुरानी समस्या अब काफी हद तक खत्म हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्री की इस पहल को राज्य भर में सराहा जा रहा है। लोगों का कहना है कि अगर मंत्री खुद मैदान में उतर आए हैं तो झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था में जल्द बड़ा बदलाव दिखेगा।
