जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका), 23 नवंबर 2025 – जी-20 शिखर सम्मेलन 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक आर्थिक विकास के मौजूदा मॉडल पर कड़ा सवाल उठाते हुए इसे पूरी तरह बदलने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों के विकास मानकों ने अरबों लोगों को संसाधनों से वंचित रखा है और प्रकृति का अंधाधुंध दोहन किया है। खास तौर पर अफ्रीका इसका सबसे बड़ा शिकार बना है।
PM मोदी ने ठोस समाधान पेश करते हुए चार बड़े प्रस्ताव रखे:
1. वैश्विक पारंपरिक ज्ञान कोष (Global Traditional Knowledge Repository)
भारत की ‘भारतीय ज्ञान प्रणाली’ पहल को आधार बनाकर G20 के तहत एक वैश्विक मंच बनेगा जो मानव-प्रकृति-स समाज के संतुलित दृष्टिकोण पर आधारित सतत विकास का खाका तैयार करेगा।
2. G20 वैश्विक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया टीम
महामारी और प्राकृतिक आपदाओं जैसी आपात स्थितियों से त्वरित और समन्वित तरीके से निपटने के लिए।
3. मादक पदार्थ-आतंक गठजोड़ पर G20 पहल
ड्रग तस्करी से आतंकवाद को मिलने वाले फंडिंग पर प्रभावी अंकुश लगाने की वैश्विक रणनीति।
4. G20 अफ्रीका कौशल पहल
अफ्रीका के लाखों युवाओं को 21वीं सदी के कौशल से लैस करने की महत्वाकांक्षी योजना।
प्रधानमंत्री ने ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूत करने के लिए सभी देशों से एकजुट होने की अपील की और दक्षिण अफ्रीका की G20 अध्यक्षता की तारीफ करते हुए कहा कि नई दिल्ली समिट (2023) में शुरू की गईं ऐतिहासिक पहलें जोहान्सबर्ग में और मजबूत हुई हैं।
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G20 समिट 2025: PM मोदी ने विकास के पुराने मॉडल को चुनौती दी, प्रस्तावित किया वैश्विक पारंपरिक ज्ञान कोष, अफ्रीका कौशल पहल और ड्रग-आतंक नेक्सस पर कार्रवाई।
