नई दिल्ली, 23 नवंबर 2025 – भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत को 30 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्त किया गया था। वे सोमवार, 24 नवंबर 2025 को राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण करेंगे। वर्तमान CJI जस्टिस बी.आर. गवई का कार्यकाल 23 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, और जस्टिस सूर्यकांत उनके उत्तराधिकारी के रूप में पदभार संभालेंगे। उनका कार्यकाल लगभग 15 महीने का होगा, जो 9 फरवरी 2027 तक चलेगा, जब वे 65 वर्ष की आयु पूरी करेंगे।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 30 अक्टूबर को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर आधिकारिक अधिसूचना जारी करते हुए कहा, “भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(2) के तहत राष्ट्रपति जस्टिस सूर्यकांत को 24 नवंबर 2025 से प्रभावी मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने को प्रसन्न हैं।” उन्होंने नए CJI को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। यह नियुक्ति CJI गवई की सिफारिश पर आधारित है, जो सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत 24 नवंबर को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे .
जस्टिस सूर्यकांत का प्रोफाइल और सफर
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार जिले के एक छोटे से गांव में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्तर पर प्राप्त की और दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की। 1989 में वे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में वकील के रूप में जुड़े, जहां उन्होंने आपराधिक, संवैधानिक और सेवा मामलों में विशेषज्ञता हासिल की। न्यायमूर्ति सूर्यकांत 24 नवंबर को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे .
– न्यायिक करियर की शुरुआत: 2004 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जज बने।
– मुख्य न्यायाधीश पद: 5 अक्टूबर 2018 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए।
– सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश: 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली।
– महत्वपूर्ण भूमिका: मई 2025 से राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। वे इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट की कई समितियों में भी सक्रिय सदस्य हैं।
जस्टिस सूर्यकांत का सफर ग्रामीण पृष्ठभूमि से न्यायपालिका के शीर्ष तक पहुंचने की प्रेरणादायक कहानी है। उन्होंने सेवा कानून, नागरिक विवाद, शासन और संवैधानिक मामलों में कई लैंडमार्क फैसले दिए हैं, जो न्यायिक सुधारों और जनता की पहुंच को मजबूत करने पर केंद्रित रहे हैं।
महत्वपूर्ण फैसले और योगदान
NALSA में योगदान: 2007-2011 तक NALSA की गवर्निंग बॉडी में सदस्य रहे, जहां उन्होंने कानूनी सहायता और गरीबों के लिए न्याय पहुंचाने पर जोर दिया।
– **हालिया फैसले:** अक्टूबर 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने उनके नेतृत्व में CBI जांच संबंधी एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला दिया, जहां संज्ञेय अपराध साबित होने पर आगे की कार्रवाई का आदेश दिया गया। इसके अलावा, वे बैंके बिहारी मंदिर विवाद में स्टेटस क्वो बहाल करने वाले फैसले का हिस्सा रहे।
– **सुधार-उन्मुख दृष्टिकोण:** उनके फैसलों में विद्वता और वास्तविक जीवन की समझ का अनूठा मिश्रण दिखता है, जो भारतीय गणराज्य की विविधता को प्रतिबिंबित करता है।
यह नियुक्ति भारतीय न्यायपालिका के लिए एक नया अध्याय खोलेगी, जहां जस्टिस सूर्यकांत न्यायिक सुधारों, डिजिटल न्याय और पहुंच योग्य कानूनी सहायता पर विशेष ध्यान देने की उम्मीद है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शपथ ग्रहण समारोह की अध्यक्षता करेंगी, जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित होंगे।
