रांची: एसआईआर के लिए आने वाले बीएलओ (BLO) को घर में बंद करने वाले बयान पर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने यू-टर्न ले लिया है. उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि ‘ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि कुछ लोग नकली BLO बनकर ‘नाम काटने’ का डर दिखाते हैं, घर-घर जाकर धमकाते हैं और पैसे वसूलते हैं. लिहाजा, उन्होंने ऐसे फर्जी लोगों को तुरंत पकड़ने और प्रशासन को सूचना देने को कहा था. यह बयान फर्जीवाड़ा करने वाले अपराधियों के लिए था, न कि वास्तविक BLO के लिए’.
मैंने BLO के खिलाफ कुछ नहीं बोला: इरफान अंसारी
विवाद बढ़ता देख मंत्री इरफान अंसारी ने अपने पोस्ट में लिखा है कि ‘BLO हमारे सम्मानित निर्वाचन अधिकारी हैं’ मैंने कभी भी BLO के खिलाफ कुछ नहीं कहा है. मेरी बात केवल उन फर्जी तत्वों पर थी, जो BLO के नाम पर ग्रामीणों को ठग रहे थे. बीजेपी मेरी बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रही है’. मंत्री इरफान ने लिखा है कि भाजपा को ‘इरफान फोबिया’ हो गया है. यदि बीजेपी के पास मुद्दे नहीं हैं तो मुझसे मांग ले, मैं मुद्दे दे दूंगा’. मेरी चेतावनी जनता की सुरक्षा, चुनाव की निष्पक्षता और प्रशासन की मजबूती के लिए थी लेकिन बीजेपी अपनी बौखलाहट में इसे भी राजनीतिक रंग दे रही है’.
ये लोग घुसपैठियों के वोट से जीतते हैं: बीजेपी
इधर, बीजेपी के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा है कि ये लोग घुसपैठियों के वोट से जीतने वाले लोग हैं. एसआईआर के जरिए ऐसे लोगों के नाम हटेंगे, इसी वजह से ऐसे बयान दिए जा रहे हैं. यदि ऐसे अंसैधानिक बयान के बावजूद मंत्री इरफान अंसारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है तो इसका यही अर्थ निकलेगा कि मंत्री को मुख्यमंत्री का समर्थन हासिल है. इस अनुशासनहीनता पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.
मंत्री इरफान अंसारी के बचाव में उतरी कांग्रेस
कांग्रेस ने इस बयान पर मंत्री इरफान अंसारी का बचाव किया है. मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने कहा कि एसआईआर को लेकर लोगों में आक्रोश है. क्योंकि चुनाव आयोग एसआईआर के माध्यम से ‘लोकतंत्र की हत्या’ कर रहा है. इससे साफ है कि उसी आक्रोश के तहत मंत्री जी ने ऐसा बयान दे दिया होगा लेकिन उनके बयान के मकसद को समझना चाहिए. उन्होंने इस वजह से ऐसी बात कही ताकि देश का संविधान और लोकतंत्र बचा रहे.
