जामताड़ा, 1 दिसंबर 2025: झारखंड के जामताड़ा जिले में दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नाम पर एक आधुनिक डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण कार्य तेजी से पूरा हो रहा है। यह लाइब्रेरी स्थानीय छात्रों और युवाओं के लिए डिजिटल शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र साबित होगी, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), चैटजीपीटी और अन्य उन्नत तकनीकों के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की सुविधा उपलब्ध होगी। जिला प्रशासन के प्रयासों से विकसित इस लाइब्रेरी का जल्द ही उद्घाटन किया जाएगा, जो क्षेत्र के ग्रामीण और आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षा और रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी। जामताड़ा डिजिटल लाइब्रेरी (Ranchi Reporter)
उपायुक्त रवि आनंद ने हाल ही में इस डिजिटल पुस्तकालय का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि लाइब्रेरी में 50 कंप्यूटरों वाली एक उन्नत डिजिटल लैब स्थापित की गई है, जिसमें एक साथ 50 छात्र पढ़ाई कर सकेंगे। यह सुविधा न केवल पारंपरिक पुस्तकों पर आधारित होगी, बल्कि डिजिटल कोर्स, ऑनलाइन सर्टिफिकेट प्रोग्राम और इंटरनेट आधारित संसाधनों से लैस होगी। उपायुक्त ने कहा, “यह लाइब्रेरी विशेष रूप से उन छात्रों के लिए तैयार की गई है जो प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे यूपीएससी, एसएससी, जेईई और नीट की तैयारी कर रहे हैं। यहां मैनुअल और डिजिटल दोनों सिस्टम उपलब्ध होंगे, जिससे विद्यार्थी अपनी क्षमता के अनुसार अध्ययन कर सकेंगे।” जामताड़ा डिजिटल लाइब्रेरी (Ranchi Reporter)
दिशोम गुरु शिबू सोरेन, जिन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक और आदिवासी समुदाय के मसीहा के रूप में जाना जाता है, का नाम इस लाइब्रेरी से जोड़ना एक सार्थक कदम है। शिबू सोरेन ने 1972 में विनोद बिहारी महतो के साथ जेएमएम की स्थापना की थी और संथाल परगना क्षेत्र में आदिवासी अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया। उनके नेतृत्व में झारखंड राज्य आंदोलन को नई दिशा मिली, और वे झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने। इस लाइब्रेरी का नामकरण उनके योगदान को सम्मानित करने का प्रयास है, जो शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का माध्यम मानते थे। जेएमएम के वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भी इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, “पिताजी हमेशा शिक्षा को आदिवासी युवाओं की उन्नति का आधार मानते थे। यह लाइब्रेरी उनके सपनों को साकार करेगी।”
लाइब्रेरी का निर्माण जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के संयुक्त सहयोग से हो रहा है। इसमें हाई-स्पीड इंटरनेट, स्मार्ट क्लासरूम और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं शामिल हैं। आने वाले महीनों में यहां एआई आधारित टूल्स जैसे चैटजीपीटी, मशीन लर्निंग कोर्स और वर्चुअल रियलिटी लर्निंग सिस्टम भी जोड़े जाएंगे। स्थानीय शिक्षाविदों का मानना है कि जामताड़ा जैसे साइबर क्राइम के लिए कुख्यात जिले में यह लाइब्रेरी युवाओं को सकारात्मक दिशा देगी। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया, “हमारे क्षेत्र में साक्षरता दर 60 प्रतिशत से कम है। यह लाइब्रेरी न केवल किताबें उपलब्ध कराएगी, बल्कि डिजिटल साक्षरता पर भी जोर देगी। छात्रों को मुफ्त कोचिंग और मेंटरिंग सुविधा भी दी जाएगी।” जामताड़ा डिजिटल लाइब्रेरी (Ranchi Reporter)
यह परियोजना झारखंड सरकार की ‘डिजिटल झारखंड’ पहल का हिस्सा है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर केंद्रित है। राज्य सरकार ने हाल के बजट में डिजिटल लाइब्रेरी परियोजनाओं के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। जामताड़ा के अलावा, दुमका और देवघर जैसे जिलों में भी इसी तरह की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। स्थानीय विधायक ने कहा, “शिबू सोरेन जी के नाम पर यह लाइब्रेरी आदिवासी छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी। हम सुनिश्चित करेंगे कि यहां पहुंचने वाले हर छात्र को व्यक्तिगत मार्गदर्शन मिले।” जामताड़ा डिजिटल लाइब्रेरी (Ranchi Reporter)
उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हो सकते हैं। यह लाइब्रेरी न केवल शिक्षा का केंद्र बनेगी, बल्कि सामुदायिक विकास का भी प्रतीक होगी। जामताड़ा के युवा अब साइबर दुनिया की चुनौतियों के बजाय डिजिटल अवसरों का लाभ उठा सकेंगे। यह कदम क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो शिबू सोरेन के आदर्शों को जीवंत रखेगा।
