रांची में रिम्स की जमीन से अवैध अतिक्रमण हटाने का अभियान लगातार जारी है। गुरुवार को डीआईजी ग्राउंड के पास तीन पक्के मकानों को प्रशासन ने बुलडोजर से जमींदोज कर दिया।
रांची: राजधानी रांची में राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए जिला प्रशासन का अभियान लगातार जारी है। गुरुवार को प्रशासन ने डीआईजी ग्राउंड के पास स्थित रिम्स की भूमि पर बने तीन अवैध पक्के मकानों को बुलडोजर चलाकर पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।
यह कार्रवाई बड़गाईं अंचल क्षेत्र में की गई, जहां सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक अतिक्रमण हटाने का अभियान चला। अभियान का नेतृत्व कार्यपालक दंडाधिकारी असीम बारा ने किया।
तीन बुलडोजर, 20 से अधिक मजदूर लगाए गए
प्रशासन की ओर से कार्रवाई के लिए तीन बुलडोजर और 20 से अधिक मजदूर लगाए गए थे। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। पूरे इलाके को पहले से घेराबंदी कर सुरक्षित किया गया, इसके बाद अवैध निर्माणों को एक-एक कर गिराया गया।
अब तक 95 प्रतिशत क्षेत्र अतिक्रमण मुक्त
कार्यपालक दंडाधिकारी असीम बारा ने बताया कि रिम्स परिसर और उससे सटे इलाके का करीब 95 प्रतिशत हिस्सा अब अतिक्रमण मुक्त किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अभियान शुक्रवार को भी जारी रहेगा और यदि जरूरत पड़ी तो आगे भी कार्रवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट के आदेश पर हो रही कार्रवाई
गौरतलब है कि यह अतिक्रमण हटाओ अभियान 3 दिसंबर 2025 से शुरू किया गया है। झारखंड हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए रिम्स की लगभग 10 एकड़ जमीन को खाली कराने का आदेश दिया था। अदालत का कहना था कि जमीन खाली होने से रिम्स के विस्तार का रास्ता साफ होगा और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी।
पहले भी तोड़ी जा चुकी हैं कई इमारतें
इससे पहले अभियान के दौरान कई बहुमंजिला इमारतों, जिनमें अभिनंदन अपार्टमेंट भी शामिल है, के साथ-साथ दर्जनों दुकानों और पुराने मकानों को ध्वस्त किया जा चुका है। प्रशासन का कहना है कि सभी अतिक्रमणकारियों को पहले ही नोटिस दिया गया था, लेकिन तय समय सीमा के भीतर कब्जा नहीं हटाया गया।
विरोध और हिरासत की घटनाएं
अतिक्रमण हटाने के दौरान कुछ लोगों ने कार्रवाई का विरोध भी किया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान एक आदिवासी नेत्री को हिरासत में लिए जाने की घटना भी सामने आई थी। हालांकि प्रशासन का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया।
सर्दी में बेघर हुए लोग, प्रशासन की मजबूरी
कार्रवाई से प्रभावित परिवारों के लिए यह समय बेहद कठिन बताया जा रहा है, खासकर ठंड के मौसम में। प्रभावित लोगों का कहना है कि वे वर्षों से वहां रह रहे थे। वहीं प्रशासन का कहना है कि नोटिस देने के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाए जाने के कारण मजबूरी में यह कार्रवाई की जा रही है।
रिम्स को अतिक्रमण मुक्त बनाना उद्देश्य
प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि रिम्स को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त कर झारखंड के सबसे बड़े और प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान को मजबूत किया जाएगा, ताकि भविष्य में मरीजों को बेहतर इलाज और सुविधाएं मिल सकें।
फिलहाल इलाके में स्थिति पूरी तरह सामान्य है और प्रशासन पूरे अभियान पर कड़ी नजर बनाए हुए है।
प्रभावित परिवारों के लिए यह मुश्किल समय है, खासकर सर्दी के मौसम में। प्रशासन का कहना है कि नोटिस दिए जाने के बाद भी कब्जा नहीं हटाने पर मजबूरी में कार्रवाई की जा रही है। लेटेस्ट जानकारी के लिए स्थानीय समाचार स्रोत देखते रहें।
