रांची: झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के नौ साल बाद इतिहास रचने जा रहा है। वर्ष 2016 में स्थापित यह विश्वविद्यालय 21 नवंबर को अपना पहला दीक्षांत समारोह आयोजित करेगा। यह कार्यक्रम मोरहाबादी स्थित दीक्षांत मंडप में होगा, जिसके लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं। छात्रों, शिक्षकों और प्रशासन में इसे लेकर भारी उत्साह है।
637 विद्यार्थियों को डिग्री, 21 को गोल्ड मेडल
इस प्रथम दीक्षांत समारोह में 637 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की जाएगी, जबकि 21 मेधावी छात्रों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. हेमेंद्र कुमार भगत ने कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक दिन होगा। सीमित संसाधनों के बीच भी विश्वविद्यालय ने निरंतर प्रगति की है और यह समारोह उसी उपलब्धि का प्रतीक है।
राज्यपाल होंगे मुख्य अतिथि
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि झारखंड के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति एवं राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार होंगे।
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और झारखंड के उच्च शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। उच्चस्तरीय अतिथियों की उपस्थिति समारोह को और भी गौरवपूर्ण बनाएगी।
सुरक्षा एवं अपराध विज्ञान शिक्षा में प्रगति
डॉ. भगत ने बताया कि पिछले नौ वर्षों में विश्वविद्यालय ने सुरक्षा, अपराध विज्ञान, फॉरेंसिक, साइबर सुरक्षा और रक्षा अध्ययन जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट शिक्षा देने का प्रयास किया है।
सीमित संसाधनों के बावजूद विश्वविद्यालय ने आधुनिक सुरक्षा प्रशिक्षण, प्रैक्टिकल लैब, फॉरेंसिक सुविधाएं और साइबर सुरक्षा ट्रेनिंग जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी पहचान मजबूत की है।
पारंपरिक शैक्षणिक वेशभूषा और शपथ ग्रहण
समारोह में डिग्री वितरण के साथ पारंपरिक वेशभूषा, शपथ ग्रहण, पदक वितरण और औपचारिक कार्यक्रम शामिल होंगे। कुल 673 पास-आउट छात्रों में से 637 छात्र समारोह में शामिल होंगे।
विश्वविद्यालय समुदाय में उत्साह
शिक्षक, अधिकारी, छात्र और अभिभावक इस दिन को विश्वविद्यालय की यात्रा का अहम पड़ाव मान रहे हैं। वर्षों की मेहनत का फल इस प्रतिष्ठित मंच पर छात्रों को मिलेगा। यह समारोह न केवल शैक्षणिक उपलब्धियों का उत्सव होगा, बल्कि विश्वविद्यालय की भविष्य की यात्रा का मजबूत आधार भी बनेगा।
