रांची, 4 दिसंबर 2025: झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (JSSC) की संयुक्त स्नातक स्तर (CGL) परीक्षा में कथित पेपर लीक के मामले ने पिछले एक साल से राज्य के लाखों युवाओं को परेशान किया था। लेकिन बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ने इस विवाद को विराम देते हुए अभ्यर्थियों के चेहरों पर मुस्कान ला दी। कोर्ट ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया और JSSC को रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया। इसके बाद रांची की सड़कों पर जश्न का माहौल छा गया। सफल अभ्यर्थी पटाखे फोड़ते हुए, नाचते-गाते निकले और एक-दूसरे को बधाई दी। कई युवाओं ने कहा, “यह फैसला हमारे करियर की नई शुरुआत है। लंबे इंतजार के बाद अब सपने साकार होने वाले हैं।”
JSSC CGL 2023 परीक्षा की कहानी बेहद उतार-चढ़ाव भरी रही। यह परीक्षा राज्य सरकार के 2,025 पदों—जैसे लिपिक, सहायक, डाटा एंट्री ऑपरेटर आदि—के लिए आयोजित की गई थी। जनवरी 2024 में पहली बार आयोजित परीक्षा के दौरान सामान्य ज्ञान (GK) पेपर का प्रश्न पत्र लीक हो गया। अभ्यर्थियों के हंगामे के बाद JSSC ने तीनों पेपर रद्द कर दिए। इसके बाद सितंबर 2024 में दोबारा परीक्षा 21-22 सितंबर को 823 केंद्रों पर हुई, जिसमें 6.5 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने भाग लिया। लेकिन फिर लीक की अफवाहें उड़ीं। अभ्यर्थी राजेश प्रसाद ने ऑनलाइन FIR दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। JSSC ने लीक से इंकार किया।
विवाद बढ़ा तो अभ्यर्थी प्रकाश कुमार ने दिसंबर 2024 में पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) दायर की, जिसमें सीबीआई जांच की मांग की गई। हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर 2024 को रिजल्ट पर स्टे लगा दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को FIR दर्ज करने और जांच का आदेश दिया। क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) ने जांच शुरू की। अगस्त 2025 में विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने का फैसला हुआ। सितंबर 2025 में कोर्ट ने स्टे बरकरार रखा और CID से स्टेटस रिपोर्ट मांगी। विपक्षी दल भाजपा ने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सड़क पर प्रदर्शन किए। भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा, “यह छात्रों के संघर्ष की जीत है, लेकिन CM हेमंत सोरेन की भूमिका संदिग्ध है।” राज्य सरकार ने इसे साजिश करार दिया।
बुधवार को चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की बेंच ने याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि CID की जांच में लीक का कोई सबूत नहीं मिला। स्टेट गवर्नमेंट के एडवोकेट जनरल राजीव रंजन ने हलफनामे में पुष्टि की कि कोई अनियमितता सिद्ध नहीं हुई। कोर्ट ने SIT को छह महीने में जांच पूरी करने का निर्देश दिया। यदि कोई सफल अभ्यर्थी अनियमितता में पाया गया, तो उसकी नियुक्ति रद्द होगी। नेपाल भागे 10 अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर भी स्टे हटाया गया। JSSC के एडवोकेट संजय पिपरवाल ने कहा, “आयोग जल्द रिजल्ट जारी कर दस्तावेज सत्यापन और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करेगा।”
फैसले के तुरंत बाद रांची के कोचिंग सेंटर्स और हॉस्टल्स में हर्षोल्लास फैल गया। न्यू मार्केट, लालपुर और कांके रोड पर अभ्यर्थी जमा हुए। पटाखों की गूंज से आसपास के इलाके गुंजायमान हो गए। एक सफल अभ्यर्थी, रांची के रहने वाले आकाश कुमार ने कहा, “एक साल से बेरोजगारी की मार झेल रहे थे। नौकरी लगेगी तो परिवार का बोझ कम होगा। यह करियर की नई शुरुआत है।” एक अन्य लड़की, प्रिया सिंह ने भावुक होकर बताया, “परीक्षा दोबारा दी, रिजल्ट का इंतजार टूट-टूटकर बिखर गया था। अब पढ़ाई का फल मिलेगा।” AISA की संजना मेहता ने इसे बेरोजगार युवाओं के लिए राहत बताया। JMM ने इसे भाजपा की साजिश का पर्दाफाश कहा। नेता ने कहा, “कोर्ट ने अफवाहें बेनकाब कीं।”
यह फैसला झारखंड के युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा। राज्य में बेरोजगारी दर 20% से ऊपर है, और सरकारी नौकरियां जीवन का आधार हैं। लेकिन पेपर लीक जैसे कांड भविष्य की चिंता बढ़ाते हैं। हाल ही में UP में एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई, जो इस माफिया को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल सिक्योरिटी मजबूत करने की जरूरत है। अब JSSC को रिजल्ट जल्द जारी करना होगा, ताकि नियुक्तियां शुरू हों। अभ्यर्थी उम्मीद बंधे हुए हैं कि यह जश्न नई उम्मीदों का प्रतीक बनेगा। (शब्द संख्या: 512)
