मुस्लमानों के अधिकारों से जुड़े मुद्दे झारखंड बनने के 25 वर्षों बाद भी हल नही हुए: एस अली।
धनबाद: मुस्लिम समुदाय के न्याय, अधिकार, मदरसा डिग्री एवं उर्दू से जुड़े मामलों को लेकर तोपचांची प्रखंड के भुईयां चितरो में मुस्लिम फ्रंट धनबाद द्वारा महाबैठक किया गया जिसकी अध्यक्षता अजमूल अंसारी और संचालन अजमत अंसारी ने किया।
मुख्या अतिथि आमया संगठन के अध्यक्ष एस अली ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को संयुक्त बिहार में प्राप्त अधिकारों को झारखंड में छीना जा रहा है, झारखंड सरकार के निर्देश पर झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा वर्ष 2003 से 2023 दी गई आलिम-फाजिल डिग्री की मान्यता शिक्षा विभाग समाप्त करने पर तुला है, जबकि रांची विश्विद्यालय से आलिम -फाजिल की परीक्षा आयोजित कराने का मामला वर्ष 2017 से सरकार के पास लम्बित है, सहायक आचार्य बहाली में शामिल आलिम डिग्री वालों का रिजल्ट पेंडिंग कर दिया गया, वही माध्यमिक आचार्य बहाली में फाजिल डिग्री वालों को शामिल नही किया गया, इससे पहले भी शिक्षा विभाग ने मनमानी करते हुए 543 उर्दू स्कूलों का स्टेटस छीनकर सामान्य विद्यालय बना दिया, बिहार से मिले 4401 उर्दू सहायक शिक्षक के पदों में रिक्त 3712 पदों को सरेंडर कर सहायक आचार्य नाम कर ग्रेड पे आधा कर दिया, राज्य में अबतक 68 माॅबलींचिग को घटना हुई, इसे रोकने के लिए 2021 में सदन से पारित भीड़ नियंत्रण रोकथाम बिल संशोधन कर लागू नही किया गया, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना में अल्पसंख्यक के लिए बजट नही रहता, बांग्लाभाषी झारखंडी मुस्लिम का प्रताड़न लगातार हो रहा, उत्तर प्रदेश के तर्ज पर भैंस वंसीय पशुओं के स्लॉटर का अनुमति नही मिल रहा, बनुकर एवं टेलरिंग समितियों को कपड़ों का सरकारी कार्य नही दिया जाता, सरकारी भूमि पर सदियों से स्थापित मुस्लिम धार्मिक स्थलों को भूमि पट्टा निर्गत नही किया जा रहा, सरकारी एवं नीजि नौकरी में आबादी के अनुसार मुस्लिम युवको भागीदारी नही मिलता।
उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर 2025 को झारखंड का 26 साल हो जाएगा लेकिन झारखंड अलग राज्य आंदोलन में शामिल झारखंडी मुस्लिम को संवैधानिक अधिकार नही मिला।
हेमंत सोरेन सरकार 15 नवम्बर तक मसलों को हल करें अन्यथा उग्र आंदोलन किया जाएगा।
मुफ्ती अब्दुल हय, मौलान अकरम कासमी, मौलान फजलूल कदीर ने कहा कि मुस्लमानों के समस्याओं के समाधान के लिए सरकार को कई बार अवगत कराया गया लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नही हुई अब समाज को संगठित होकर लोकतांत्रिक आंदोलन करना होगा।
महाबैठक को सम्बोधित मौलान मोबिन रिजवी, मो कफील उर रहमान, मौलान उसीउल्लाह, मौलाना अमजद, मौलाना खुर्शीद नदवी, मुफ्ती सैफुल्लाह कासमी, मौलाना कासमी जमाली, मौलान फजलूल कदीर, डां सैफुल्लाह खालिद, प्रो इसराइल, अधिवक्ता ऐनुल हक, रूस्तम अंसारी, मो पीर बख्श, गुलाम फुस्तफा, मो इरफान अंसारी, अमीन अकेला, आमया संगठन के जियाउद्दीन अंसारी, अलीमुद्दीन अंसारी, मो मोहसिन हव्वारी, एहसास जमील, जुनैद आलम, मुमताज अंसारी, कुरैस अंसारी, मो सईद, हसीमुद्दीन अंसारी, रफीक आलम, इसूफ अंसारी, मो तौहीद अंसारी, राजा अफसर, शाहिद, मोबिन, अहमद, ऐनुल हक, अब्दुल वाहिद, सिद्दीक सहित अन्य ने सम्बोधित किया बैठक में धनबाद जिला के अलावा बोकारो, गिरिडीह, जामताड़ा, हजारीबाग एवं रांची जिलों से सैकड़ो की संख्या में लोग शामिल हुए।
