नई दिल्ली, 2 Dec 2025: लोकगायिका नेहा सिंह राठौर पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कण्डेय काट्जू ने एक बार फिर तीखा तंज कसा है। फेसबुक पर पोस्ट की गई उनकी व्यंग्यात्मक कविता सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। काट्जू ने नेहा के विवादास्पद गीत ‘यूपी में का बा’ की तर्ज पर यह कविता लिखी है, जिसमें नेहा की गिरफ्तारी की अफवाहों पर चुटकी ली गई है। कविता की शुरुआत ही सुर्खियां बटोर रही है: “जब तुम जेल में होगी मैं तुम्हारे लिए अंडा, मुर्गी, मछली भेजूंगा।”
नेहा सिंह राठौर कौन हैं और विवाद क्यों?
नेहा सिंह राठौर बिहार के कैमूर जिले की रहने वाली लोकगायिका हैं, जो अपने भोजपुरी व्यंग्य गीतों से मशहूर हुईं। उनके गीत अक्सर सामाजिक मुद्दों, भ्रष्टाचार, महंगाई और सरकारी नाकामियों पर तंज कसते हैं। 2020 में कोरोना काल में ‘यूपी में का बा’ गाना वायरल हुआ, जिसमें योगी सरकार की आलोचना की गई। हाल ही में कानपुर देहात के दीक्षित परिवार हत्याकांड पर उनके गीत ने फिर विवाद खड़ा कर दिया।
वाराणसी में नेहा के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। सोशल मीडिया पर उनकी गिरफ्तारी की अफवाहें उड़ीं, जिसके जवाब में नेहा ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा, “मैं फरार नहीं हूं, ना ही गिरफ्तार हुई हूं। लेकिन शिकायतें जरूर हैं।” नेहा ने साफ किया कि वे डरने वाली नहीं हैं।
काट्जू की वायरल कविता: व्यंग्य की धार
जस्टिस काट्जू, जो खुद सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और अक्सर राजनीतिक टिप्पणियां करते हैं, ने नेहा को ‘दुर्गादास राठौड़ की वंशज’ बताते हुए कविता में तारीफ की शुरुआत की। लेकिन फिर तंज कसा: “बहादुर ईमानदार महिला बा, का बा बहुत अच्छा गावत बा… पर हर मनई का अपनी सीमा जाने चाही, बब्बर शेर के ललकारा ना चाही।” कविता का क्लाइमेक्स है:
“जब तुम जेल में होगी मैं तुम्हारे लिए
अंडा, मुर्गी, मछली भेजूंगा
कान पकड़कर उठक-बैठक करत बा
तुम्हें जेल में सब सिखा देंगे।”
काट्जू ने लिखा कि नेहा ने सीमा लांघ दी है और अब राजद्रोह के केस का सामना करना पड़ सकता है। यह कविता नेहा के गीत की धुन पर आधारित है, जिससे यह और भी वायरल हो गई।
प्रतिक्रियाएं: समर्थन और आलोचना
– **नेहा के समर्थक:** सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने काट्जू की कविता को ‘घटिया’ और ‘महिलाओं के खिलाफ’ बताया। एक यूजर ने लिखा, “एक पूर्व जज का यह स्तर? शर्मनाक!”
– **काट्जू के पक्ष में:** कुछ ने इसे ‘सटीक व्यंग्य’ कहा, खासकर नेहा के गीतों को ‘राजनीतिक उकसावा’ बताते हुए।
– **कानूनी कोण:** विशेषज्ञों का कहना है कि नेहा के गीत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में हैं, लेकिन धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप लगे हैं।
यह विवाद नेहा के करियर को नई ऊंचाई दे सकता है, लेकिन पुलिस की कार्रवाई की आशंका बनी हुई है। नेहा ने कहा, “मैं अपने गीतों पर कायम रहूंगी।”
