चंडीगढ़, 16 अक्टूबर 2025: हरियाणा सरकार ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत कपूर को अचानक छुट्टी पर भेजते हुए ओपी सिंह को नया डीजीपी नियुक्त किया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य में वरिष्ठ अधिकारियों के बीच विवाद और आत्महत्या के एक संवेदनशील मामले ने प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है।
पूर्व डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के पूर्व एसपी नरेंद्र बिजारणिया उन आठ वरिष्ठ अधिकारियों में शामिल थे, जिनका नाम आईपीएस अधिकारी पूरण कुमार द्वारा कथित रूप से छोड़े गए एक सुसाइड नोट में सामने आया था। इस घटनाक्रम के बाद सरकार पर दबाव बढ़ा और प्रशासनिक फेरबदल की ज़रूरत महसूस की गई।
ओपी सिंह की प्राथमिकताएं
नए डीजीपी ओपी सिंह ने पदभार संभालने के बाद राज्य की जनता के नाम एक संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, “हर गांव, कस्बे और शहर में दिन-रात सुरक्षा सुनिश्चित करना मेरी प्राथमिकता होगी। मैं सुनूंगा, मैं काम करूंगा और आपकी सुरक्षा को सर्वोपरि रखूंगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा पुलिस संगठित अपराध के खिलाफ अभियान तेज करेगी, नशा विरोधी मुहिम को और सशक्त बनाएगी और महिला सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाएगी।
प्रशासनिक संकेत
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बदलाव केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि सरकार की छवि सुधारने और जनता में विश्वास बहाल करने की कोशिश है। डीजीपी जैसे शीर्ष पद पर बदलाव से यह संकेत भी जाता है कि सरकार पुलिस व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही चाहती है।
जनता से संवाद की पहल
ओपी सिंह ने अपने संदेश में यह भी कहा कि वे जनता से सीधे संवाद बनाए रखेंगे और हर शिकायत को गंभीरता से लेंगे। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे फील्ड में अधिक समय बिताएं और जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दें।
अब देखना यह होगा कि ओपी सिंह अपने वादों को किस हद तक अमल में ला पाते हैं। राज्य में महिला सुरक्षा, साइबर क्राइम, नशा तस्करी और संगठित अपराध जैसे मुद्दे चुनौती बने हुए हैं। जनता को उम्मीद है कि नए डीजीपी इन मोर्चों पर ठोस कार्रवाई करेंगे।
