भूटान के अमोचू नदी क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ ने कई परिवारों और श्रमिकों को संकट में डाल दिया, लेकिन भारतीय सेना की त्वरित और साहसिक कार्रवाई ने कई जिंदगियों को बचा लिया। यह घटना भारत और भूटान के बीच गहरे सहयोग और मित्रता का एक और उदाहरण बन गई है।
🌊 आपदा की शुरुआत
5 अक्टूबर 2025 को तड़के अमोचू नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने से भूटान के अस्थायी आवास और मजदूर शिविरों में रह रहे कई लोग फंस गए। बाढ़ इतनी तीव्र थी कि स्थानीय प्रशासन को तुरंत बचाव कार्य शुरू करना पड़ा। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, दो व्यक्तियों के लापता होने की सूचना मिली थी, जिनमें से एक के बह जाने और दूसरे के लापता होने की आशंका जताई गई थी।
🚁 मदद की गुहार और भारतीय सेना की तत्परता
भूटान की राष्ट्रीय एयरलाइन ‘ड्रुक एयर’ ने खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर उड़ाने में असमर्थता जताई, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। ऐसे में भूटान सरकार ने भारत से तत्काल सहायता मांगी। भारतीय सेना ने बिना देर किए दो हेलीकॉप्टर तैनात किए और लगभग दोपहर 12:55 बजे घटनास्थल पर पहुंच गई।
भारतीय सेना की टीमों ने फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया और उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई। यह बचाव अभियान भूटान की रॉयल आर्मी और ड्रुक एयर की टीमों के साथ समन्वय में चलाया गया, जिससे राहत कार्य और अधिक प्रभावी हो सका।
🛡️ साहस और समर्पण की मिसाल
बचाव कार्य के दौरान मौसम की चुनौती, ऊबड़-खाबड़ इलाका और सीमित संसाधनों के बावजूद भारतीय सेना ने जिस तत्परता और साहस का परिचय दिया, वह प्रशंसनीय है। हेलीकॉप्टरों के माध्यम से तीन फंसे हुए व्यक्तियों को सीएसटी ग्राउंड तक पहुंचाया गया, जहां से उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
बाद में यह पुष्टि हुई कि पहले लापता बताए गए दोनों कर्मचारी भी जीवित और सुरक्षित पाए गए, जिससे राहत की सांस ली गई।
🇮🇳🤝🇧🇹 भारत-भूटान संबंधों की मजबूती
भूटान की शाही सरकार ने भारतीय सेना को समय पर और जीवन रक्षक सहायता प्रदान करने के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि भारत और भूटान के बीच संबंध केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि मानवीय और भावनात्मक स्तर पर भी मजबूत हैं।
भूटान के गृह मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “भारतीय सेना की तत्परता और समर्पण ने कई जिंदगियों को बचाया और संकट की घड़ी में एक सच्चे मित्र की भूमिका निभाई।”
इस आपदा में भारतीय सेना की भूमिका केवल एक सैन्य सहायता की नहीं थी, बल्कि यह एक मानवीय मिशन था। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में जिस तरह से भारतीय सेना ने भूटान के नागरिकों की मदद की, वह न केवल साहस और समर्पण की मिसाल है, बल्कि भारत की पड़ोसी देशों के प्रति संवेदनशीलता और सहयोग की भावना को भी दर्शाता है।
यह घटना आने वाले समय में भारत-भूटान संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाएगी और क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक प्रेरणास्रोत बनेगी।
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