नई दिल्ली:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को ‘हैदराबाद लिबरेशन डे’ के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज का भारत न तो किसी से डिक्टेशन लेता है और न ही कभी किसी ताकत के आगे झुका है। उन्होंने कहा कि आज का भारत अपनी विकास की स्क्रिप्ट खुद लिखता है और अब वह एक ऐसे नए वर्ल्ड ऑर्डर के निर्माण के लिए तैयार है, जिसे पूरी दुनिया स्वेच्छा से स्वीकार करेगी।
राजनाथ सिंह ने सरदार वल्लभभाई पटेल के ऐतिहासिक योगदान को याद करते हुए कहा कि जिस अखंड भारत की नींव सरदार पटेल ने रखी थी, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भी सशक्त बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ संयोग नहीं है कि 17 सितंबर, जब हैदराबाद का भारत में विलय हुआ था, उसी दिन पीएम मोदी का जन्मदिन भी आता है। यह दोनों घटनाएं भारत के आत्मबल, संकल्प और संप्रभुता की प्रतीक हैं।
उन्होंने निजाम के घमंड और धनबल पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि “धन और घमंड कभी भी राष्ट्र की एकता और संकल्प से बड़ा नहीं हो सकता।” उन्होंने कहा कि आज भी कुछ लोग धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्र के नाम पर देश को बांटने की कोशिश करते हैं, लेकिन भारत की सेना और नागरिक किसी भी विभाजनकारी सोच के आगे नहीं झुकेंगे।
🔥 ऑपरेशन पोलो से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक
राजनाथ सिंह ने हैदराबाद के विलय के लिए 1948 में हुए “ऑपरेशन पोलो” को याद करते हुए कहा कि यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि सरदार पटेल का निर्णायक प्रहार था जिसने रजाकारों के षड्यंत्र को चकनाचूर कर दिया। उन्होंने हवलदार बच्चित्तर सिंह को भी श्रद्धांजलि दी, जो भारत के पहले अशोक चक्र विजेता बने।
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि भारत अब सिर्फ संवाद की टेबल पर बात नहीं करता, बल्कि जब जरूरत पड़े तो दुश्मन की आंखों में आंखें डालकर जवाब भी देना जानता है। उन्होंने 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2025 में हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की सेनाएं किसी भी आक्रामकता का माकूल जवाब देने में सक्षम हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी केवल स्थगित हुआ है, समाप्त नहीं। भारत जब चाहेगा, तब जवाब देगा।
🧱 अनुच्छेद 370, पूर्वोत्तर और विकास की एकता
राजनाथ सिंह ने बताया कि पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 हटाकर सरदार पटेल के सपनों को साकार किया है। जम्मू-कश्मीर से अलगाव की ऐतिहासिक दीवार अब टूट चुकी है और पूर्वोत्तर भारत, जो कभी मुख्यधारा से अलग माना जाता था, आज विकास और राष्ट्रीयता की धारा में मजबूती से खड़ा है।
उन्होंने पिछली सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति के चलते “हैदराबाद मुक्ति दिवस” को नजरअंदाज किया गया, जबकि यह दिन भारत के इतिहास में निर्णायक मोड़ था। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि देश में आज भी कुछ लोग रजाकारों की मानसिकता के समर्थक हैं और वही भारत की एकता के सबसे बड़े दुश्मन हैं।
नया भारत — शक्तिशाली और आत्मनिर्भर
रक्षा मंत्री ने कहा, “आज का भारत धैर्यवान है, पर कमजोर नहीं। बलवान है और जवाब देने में भी सक्षम है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत हुई है, और अब कोई भी ताकत भारत की अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देने की हिम्मत नहीं कर सकती।”
