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सीएनटी का उल्लंघन कर आदिवासी जमीन खरीदने के मामले में दोषी पूर्व मंत्री एनोस एक्का सहित नौ को सजा

पूर्व मंत्री एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन एक्का को सात-सात साल की सजा

रांची, 30 अगस्त (हि स)। छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) का उल्लंघन कर आदिवासी जमीन की खरीद करने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन एक्का को सात-सात साल की सजा सुनायी और एक-एक लाख का जुर्माना लगाया है। इसी मामले के अन्य नौ दोषियों को पांच-पांच साल की सजा सुनायी गयी है। शुक्रवार को अदालत ने 10 आरोपितों को दोषी करार दिया था, जबकि एक आरोपित को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।

सीबीआई के विशेष जज एसएन तिवारी की अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये सजा की बिंदु पर सुनवाई हुई। सभी आरोपित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़े थे। सीबीआई के लोक अभियोजक दविन्द्र पाल सूद ने सीबीआई की ओर से पक्ष रखा।इसके बाद अदालत ने एक-एक कर सजा का ऐलान किया।

किसको कितनी सजा?

अदालत ने पूर्व मंत्री एनोस एक्का तथा उनकी पत्नी मेनन एक्का को सात-सात साल की सजा और दो-दो लाख रुपये के जुर्माना की सजा सुनाई है। रांची के तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात को पांच साल की सजा और एक लाख का जुर्माना, तत्कालीन तीन सर्किल इंस्पेक्टर (सीआई) राज किशोर सिंह को चार साल की सजा और एक लाख जुर्माना, फिरोज अख्तर को चार साल की सजा और एक लाख का जुर्माना ,अनिल कुमार को चार साल की सजा और एक लाख का जुर्माना, राजस्व कर्मचारी ब्रजेश मिश्रा को चार साल की सजा और एक लाख का जुर्माना, मनीलाल महतो को पांच साल की सजा और एक लाख का जुर्माना और ब्रजेश्वर महतो पर पांच साल की सजा और एक लाख का जुर्माना लगाया है।

उल्लेखनीय है कि गत शुक्रवार को अदालत की ओर से मामले के नौ आरोपितों को दोषी करार दिए जाने के बाद सभी को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा (होटवार जेल) भेज दिया था। अदालत ने 22 अगस्त को दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 29 अगस्त को फैसले की तारीख निर्धारित की थी। पूर्व मंत्री एनोस एक्का पर सीएनटी की धारा 46 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए 16 साल पहले 1.18 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति खरीदने का आरोप है।

बचाव पक्ष के वकील अनिल कुमार कंठ ने बताया कि कुल 11 आरोपित ट्रायल फेस कर रहे थे। इनमें से एक आरोपी तत्कालीन राजस्व कर्मचारी गोवर्धन बैठा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया, जबकि एक आरोपित परशुराम केरकेट्टा आईसीयू में भर्ती हैं। उसके रिकॉर्ड को अलग कर दिया गया है।

सीबीआई ने 2010 में दर्ज की थी प्राथमिकी

झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने 4 अगस्त 2010 को एनोस एक्का सहित अन्य पर प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की थी। सीबीआई ने जांच पूरी करते हुए दिसंबर 2012 में चार्जशीट दाखिल की थी, जिस पर अदालत ने संज्ञान लिया था। मामले में एनोस एक्का सहित अन्य पर 5 नवंबर 2019 को आरोप तय किया गया था। इसके बाद सीबीआई ने सबूत पेश किया था।

पत्नी मेनन एक्का के नाम से कहां-कहां जमीन

एनोस एक्का ने अपनी पत्नी मेनन एक्का के नाम से हिनू में 22 कट्ठा, ओरमांझी में 12 एकड से अधिक, रांची के नेवरी में 4 एकड़ से अधिक, चुटिया के सिरम मौजा स्टेशन रोड में 9 डिसमिल जमीन खरीदी थी। सभी जमीन की खरीदारी मार्च 2006 से मई 2008 के बीच की गई थी।

Ranchi reporter

http://ranchireporter.com

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