रांची, 04 सितंबर। रांची इंस्टीट्यूट ऑफ़ न्यूरो-साइकाइट्री एंड एलाइड साइंस (रिनपास) के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि रिनपास में अब जल्द ही कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। संस्थान की आधारभूत संरचना और शैक्षणिक व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा तथा मौजूदा कमियों को दूर कर मरीजों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
कार्यक्रम में रिनपास पर आधारित पोस्टल स्टाम्प जारी किया गया। इसके अलावा स्मारिका और चार पुस्तकों का विमोचन, टेली-मेंटल हेल्थ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और डिजिटल अकादमी की शुरुआत भी की गई।
सीएम सोरेन ने कहा कि आधुनिक दौर में मानसिक बीमारियों का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। लोग अवसाद और मानसिक परेशानियों का शिकार हो रहे हैं, ऐसे में रिनपास जैसे संस्थानों की भूमिका और अहम हो जाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यहां आने वाले हर मरीज को पूरी तरह स्वस्थ होकर लौटने का अवसर मिले, इसके लिए अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा।
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उन्होंने चिंता जताई कि कई बार मरीजों को उनके परिजन यहां छोड़कर चले जाते हैं और वापस नहीं लौटते। यह समाज के लिए सही संदेश नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी व्यवस्थाएं तैयार करनी होंगी, जिससे मानसिक मरीजों तक उपचार और काउंसलिंग की सुविधा सरल और सहज तरीके से पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 1925 में रिनपास की स्थापना करने वाले लोग वास्तव में दूरदर्शी थे। सौ सालों से यह संस्थान समाज की सेवा में लगातार समर्पित है और राज्य सरकार इसे और भी बेहतर बनाएगी।
समारोह में रिनपास के पूर्व निदेशक डॉ. पी.के. चक्रवर्ती, डॉ. एन.एन. अग्रवाल, डॉ. अशोक कुमार प्रसाद, डॉ. अशोक कुमार नाग, डॉ. के.के. सिंह सहित कई वरिष्ठ चिकित्सकों और फैकल्टी मेंबर्स को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, विधायक राजेश कच्छप, विधायक सुरेश कुमार बैठा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (बेंगलुरु) की निदेशक डॉ. प्रतिमा मूर्ति, चीफ पोस्ट मास्टर जनरल विधान चंद्र रॉय समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
