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23 महीने बाद आजम खान जेल से हुए रिहा, समर्थकों में खुशी की लहर

सीतापुर। सपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री आजम खां जिला कारागार से मंगलवार की दोपहर 12.15 बजे रिहा हो गए। वह 22 अक्टूबर 2023 से जिला कारागार में निरुद्ध थे। पूर्व मंत्री के पुत्र अदीब आजम रामपुर से सैकड़ों समर्थकों के साथ सुबह ही कारागार पहुंच गए थे।

रामपुर की अदालत से पूर्व मंत्री की रिहाई का आदेश जिला कारागार प्रशासन को सोमवार को ही मिल गया था। कारागार अधीक्षक सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि रामपुर न्यायालय से 70 मुकदमों में रिहाई का आदेश आया था। इसका परीक्षण करने के बाद कागजी औपचारिकताएं पूरी की गई। मंगलवार को रामपुर न्यायालय से मेल आने के बाद पूर्व मंत्री को रिहा कर दिया गया है।

सुबह दिन निकलने तक सीतापुर जेल के बाहर उनके समर्थकाें और पार्टी के पदाधिकारियों का जमावड़ा लगा रहा। सीतापुर से सपा के जिलाध्यक्ष छत्रपाल, विधायक अनिल वर्मा, पूर्व मंत्री रामहेत भारती, बिसवा से सपा नेता अफजल कौसर आदि वहां पहुंचे।

वारंट जारी न होने से साफ हुआ रिहाई का रास्ता

इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद शत्रु संपत्ति के मामले में आजम खां के खिलाफ तीन धाराएं बढ़ाई गई थीं। इसको लेकर 20 सितंबर को न्यायालय से वारंट जारी नहीं हो सके थे। सीतापुर कारागार से वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए आजम खां न्यायालय में उपस्थित हुए थे। न्यायालय ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए पहली अक्टूबर नियत कर दी थी। इस तरह वारंट जारी न होने के कारण आजम खां की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया था।

समर्थकों ने बेतरतीब खड़े किए वाहन, 30 के चालान

रामपुर से बड़ी संख्या में आजम के समर्थक सीतापुर पहुंचे थे। इसके चलते जेल रोड पर यातायात प्रभावित हो रहा था। सड़क पर बेतरतीब वाहन खड़े किए गए थे। सीओ सिटी विनायक गोपाल भोसले के निर्देश पर यातायात निरीक्षक फरीद अहमद ने 30 वाहनों के चालान किए हैं। वहीं मुरादाबाद की सांसद रुचि वीरा को कारागार जाते समय पुलिस ने रोक लिया।

इस मामले में जेल में बंद थे आजम

रामपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने 18 अक्टूबर 2023 को आजम खां, उनकी पत्नी पूर्व सांसद डॉ. तजीन फात्मा और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला को सात-सात साल कारावास की सजा सुनाई थी।

यह सजा अब्दुल्ला के अलग-अलग जन्मतिथि से दो जन्म प्रमाण पत्र बनाने पर हुई थी।
इसका मुकदमा भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने गंज कोतवाली में तीन जनवरी 2019 को दर्ज कराया था।
सजा सुनाए जाने के बाद पहले तीनों को रामपुर जेल में बंद किया गया था।
22 अक्टूबर को आजम खां को सीतापुर और अब्दुल्ला को हरदोई की जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।
तंजीन फात्मा रामपुर जेल में ही थीं, जो 29 मई 2024 को जमानत पर जेल से रिहा हो गई थीं।
फिर अब्दुल्ला की जमानत मंजूर होने पर 25 फरवरी 2025 को वह भी हरदोई जेल से बाहर आ गए थे।
23 सितंबर को दोपहर करीब सवा बारह बजे उनको रिहा किया गया।
आजम के जेल से छूटने के बाद उनसे मुलाकात करने के लिए मुरादाबाद की सांसद रुचिवीरा भी सीतापुर पहुंची, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया गया गया। वहीं, आजम की रिहाई को लेकर समर्थकों में काफी उत्साह देखने को मिला और उनका जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद दोपहर 10 गाड़ियों के काफिले संग आजम खां रामपुर रवाना हो गए।

अखिलेश यादव ने दी प्रतिक्रिया

आजम खां की रिहाई पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि आजम की रिहाई पार्टी के लिए खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद थी कि आजम को न्याय मिलेगा, अगर हमारी सरकार बनी तो आजम खां पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि आजम पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए थे।

 

 

Ranchi reporter

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